Tuesday 24 December 2013



भाग दौड़ भरी ज़िन्दगी में अब , सुकूंन खो गया है कहीं ,

सब कुछ है पास में , फिर भी , बहुत कुछ खो गया है कहीं ,

हालात कुछ ऐसे हुए हैं , ज़िन्दगी के अब ,

कि साँसे तो हैं , जिस्म भी जाग रहा है अभी ,

लेकिन ये " रूह " है ~ ♥ कल्प ♥ ~ कि खो गयी है कहीं !!

~ ♥ कल्प ♥ ~ 

उजली चाँदनी रात में , चाँद खो गया है कहीं ,

वो समाये हैं मुझमें कुछ ऐसे , कि मैं खो गया हूँ कहीं ,

हर सुबह उनकी भीगी ज़ुल्फें , जगाती हैं मुझे ,

और मैं हूँ कि उनकी पलकों तले खो गया हूँ कहीं !!

~ ♥ कल्प ♥ ~ 

Wednesday 11 December 2013




ज़िन्दगी के हसीन पलों को चुरा कर मुट्ठी में जकड़ लेता हूँ ,

ख़ुशी के कुछ आँसू पलकों पे सजा कर हँस लेता हूँ ,

बीतते हुए पल बीत ही जाते हैं , ये रुकते कब हैं ,

अपनी छोटी सी दुनिया की ख़ुशी की ख़ातिर ,

हर रोज़ भगवान् से दुआ कर लेता हूँ !!