Tuesday 24 December 2013


उजली चाँदनी रात में , चाँद खो गया है कहीं ,

वो समाये हैं मुझमें कुछ ऐसे , कि मैं खो गया हूँ कहीं ,

हर सुबह उनकी भीगी ज़ुल्फें , जगाती हैं मुझे ,

और मैं हूँ कि उनकी पलकों तले खो गया हूँ कहीं !!

~ ♥ कल्प ♥ ~ 

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