Tuesday 10 June 2014

" चलो ज़िन्दगी को तलाश करें "



हथेलियों से सरक के खो गए कई लम्हें ,
चलो उनकी तलाश करें ,
टूट कर बिखर गए है जो ख़्वाब ,
चलो उनकी एक पोटली बनाएं ,
फिर किसी दरिया , समन्दर किनारे चलें ,
डूबते सूरज तले कहीं इन्हें भी दफना दें !!

फिर ज़िन्दगी के पार कहीं ज़िन्दगी की तलाश करें ,
चलो हर हँसी के पीछे छुपे दर्द की तलाश करें ,
सुनहरे सपनों में कभी , तो कभी , करवटों में गुज़रती रात ,
हर शख़्श में अपनी परछाई तलाश करें ,
चलो वक़्त के हर लम्हें में एक पूरी ज़िन्दगी को तलाश करें !!

~ ♥ कल्प वर्मा ♥ ~

Tuesday 3 June 2014



लखनऊ का प्रसिद्ध अलीगंज हनुमान मन्दिर ,
हम लोग अक्सर यहाँ जाते हैं , लेकिन कोई दिन निश्चित नहीं होता है कि कब जाएँ ,
मैं सभी दिनों को , पलों को शुभ ही मानता हूँ ,
हर दिन भगवान का हर पल भगवान का !!


Saturday 12 April 2014


रोज़ सुबह ऑफिस टाइम की भीड़ को देखकर अक्सर ये सोचता हूँ 
कि सब लोग भागे चले जा रहे हैं " कागज़ " पलटने
देखो भाई किसने कितने "  कागज़ " पलटे ???
क्या जीवन जीने के लिए वास्तव में " कागजों " से इतना मोह जरूरी है ???

मुझे लगता है आज के इंसान ने अपने आप को बहुत सी चीजों पर खुद को डिपेंडेंट कर लिया है 
ऑफिस में हर तरफ़ या तो कागज़ हैं या मशीने हैं 

ज़िन्दगी शायद ये नहीं है जो हम जीते हैं ,
या शायद जो हम जीना चाहते हैं खुद को पता नहीं है ,
कोई भी मशीन या कागज़ हमें प्यार , सुकूं , चैन  नहीं दे सकता ,
जिसे हम सब चाहते हैं !!

हा हा हा पहली बार कुछ लिखा है पता नहीं कैसा है ???, क्या लिखा है ???
लेकिन लिख कर सुकून जरूर मिला है 
सभी पढ़ने वालों का शुक्रिया … 
 
~ ♥ कल्प वर्मा ♥ ~ 

Friday 28 February 2014

!! ये बीते हुए लम्हें !!



!! ये बीते हुए लम्हें !!

लोग कहते हैं ज़िंदा लम्हों में ही ज़िन्दगी है ,
बीते हुए लम्हें तो कब के मर गये ,

मैंने जो कागज़ों पे लिख दिये , तो साँस लेते हैं ,
तन्हाई में कभी आवाज़ दी , तो बात करते हैं ,
पास बुलाया तो गले लग के रोते हैं ,
थपकियाँ देके सुलाया कभी , तो रात सो गई ,
कभी रुलाया तो कभी हँसाया भी बहुत ,

ये बीते हुए लम्हें , कभी बीतते नहीं ,
शायद कभी मरते नहीं , जिस्म सो जाता है ,
और ♥ कल्प ♥ हर लम्हें की " रूह " साँस लेती है !!

~ ♥ कल्प वर्मा ♥ ~ 

Wednesday 12 February 2014

दिन भर धूप में जलता रहा सूरज



दिन भर धूप में जलता रहा सूरज ,
हथेलियों तले जो ढका , तो थोड़ा आराम आया ,

वक़्त ने पार कर ली अपनी सारी हदें ,
उनकी ज़ुल्फों तले जो शाम ढली , तो थोड़ा आराम आया ,

अंधेरे डराते  रहे रात भी जागती रही तन्हा ,
ज़िंदा लम्हों को जो याद किया , तो थोड़ा आराम आया ,

भागते - दौडते उलझनों में ग़ुजरते रहे रास्ते ,
सितारों की चादर ओढ़ के ♥ कल्प ♥ जो सोये , तो थोड़ा आराम आया !!

~ ♥ कल्प वर्मा ♥ ~








Friday 31 January 2014

~ रूह है जो जागती है साँस लेती है सदा ~



ज़िन्दगी के हर मोड़ पर ,
वादे बदलते हैं कभी इरादे बदलते हैं ,

वक़्त की हर दहलीज़ पर ,
खुशियाँ बदलती हैं कभी तन्हाइयाँ बदलती हैं ,

घूमते -फ़िरते , भागती राहों में ,
क़दमों के निशां बदलते हैं कभी आसमां बदलते हैं ,

ये ज़िन्दगी तन्हा सफ़र है दोस्तों ,
हमसफ़र बदलते हैं कभी हमनवां बदलते हैं ,

सियाह रात ख़ामोश सोती है ,
दिन बदलते है कभी घोंसले बदलते हैं ,

सुबह उठती नहीं फिर दिन कभी ढलते नहीं ,
ये जिस्म सो जाता है ♥ कल्प ♥  
बस रूह है जो जागती है साँस लेती है सदा !!

~ ♥ कल्प वर्मा ♥ ~ 

Monday 27 January 2014

♥ नज़रें झुका के ♥


नज़रें झुका के बैठे न रहो ,
राज़-ए-दिल यूँ छुपाये न रहो ,
दम निकलने को है मेरा , अब कुछ बोल भी दो ,
यूँ ज़ुबां तले इज़हार-ए-मोहब्बत दबाये न रहो !!

~ ♥ कल्प वर्मा ♥ ~ 

Tuesday 7 January 2014

ये दिल कुछ ढूँढता है




ये दिल हमेशा कुछ ढूँढता है ,

किसी को चाहता है , किसी को पुकारता है ,

एक ख्वाहिश पूरी नहीं होती , और दूसरी आ जाती है ,


कभी कभी तो सोचता हूँ , कि , ये ख्वाहिशें न हो तो शायद ज़िन्दगी कहीं ठहर जाये ,


किसी लम्हें में , कोई वक़्त रुक जाये !!


~ ♥ कल्प वर्मा ♥ ~ 






Thursday 2 January 2014

" हर हाल में ज़िन्दगी को जीते गये "


हर हाल में ज़िन्दगी को जीते गये ,
बीते सालों के पन्नें पलटते गये ,
ज़िन्दगी हमें , और हम , ज़िन्दगी को निहारते गये ,
आज ज़िन्दगी का एक और पन्ना पलट गया , एक और साल बीत गया ,
हम हर हाल में ज़िन्दगी को जीते गये !

खट्टे , मीठे पल , जैसे भी मिले जीते गये ,
ज़िन्दगी के हर पल हम हँसते - हँसते पीते गये ,
कुछ पल हलक़ से नीचे उतरे , कुछ अटके रहे ,
कुछ यादें समेटीं , कुछ पन्नें फाड़े गये ,
फिर भी हर हाल में हम ज़िन्दगी को जीते गये !

हजारों ख्वाहिशें बाकी हैं अभी , तमाम पन्नें ज़िन्दगी के सादे हैं ,
लेकिन जब भी ख़ाली पन्नों में कुछ लिखना चाहा ,
इनमे पहले से ही कुछ और लिखा मिला मुझे ,
ज़िन्दगी की हर तस्वीर में पहले से ही रंग भरे होते हैं ,
दिखते नहीं हैं , लेकिन शायद , ज़िन्दगी के सभी सादे पन्नें भरे होते हैं !!
~ ♥ कल्प वर्मा ♥ ~ 

Wednesday 1 January 2014

सभी का नव वर्ष मंगलमय हो ..

मेरे सभी मित्रों को , सम्बन्धियों को , एवं उनके परिवार के सभी सदस्य़ों को नव वर्ष २०१४ की बहुत बहुत बधाइयाँ एवं शुभकामनाएं ..
सभी का नव वर्ष मंगलमय हो ..